Opportunity Knocks the door: कठिन परिस्थिति में अवसर![grab the opportunity](data:image/gif;base64,R0lGODlhAQABAIAAAP//////zCH5BAEHAAAALAAAAAABAAEAAAICRAEAOw==)
श्यामलाल एक पुस्तक प्रकाशक था। उसकी पुस्तकों की बिक्री दिन प्रतिदिन कम होते जा रही थी और इसका एक कारण योग्य लेखक की कमी थी। उसे अपने व्यापार में लगातार घाटा हो रहा था एक दिन एक महिला लेखिका उसके कार्यालय में आई ।उस महिला का नाम सुनैना था। वह बहुत गरीब थी और उसे नौकरी की जरूरत भी थी। वह अपने मां बाप की इकलौती बेटी थी उसे अपने मां-बाप की देखभाल भी करनी होती थी और परिवार की पूरी जिम्मेदारी भी उठानी थी।
Foolish Thinking : मुर्ख सोच
श्यामलाल ने उसे लेखन कार्य शुरू करवाया परंतु लेखन कार्य के बदले वह उसे बहुत कम वेतन देता था श्यामलाल सोचता था कि इस तरह से वह पैसा बचा लेगा और पैसा बचा करके वह अपने घाटे को मुनाफे में बदल देगा लेकिन उसकी यह सोच गलत थी। वह महिला सुनैना दिन-रात काम करती थी।
वह एक अच्छी लेखिका थी, उसकी लिखी किताबो से श्यामलाल की पुस्तके बाजार में दिन प्रतिदिन तरक्की कर बिकने लगे।लेकिन श्यामलाल ने उसके वेतन को बढ़ाने के बजाय उससे अधिक काम ही लेना शुरू कर दिया क्योंकि लेखिका की पारिवारिक जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी इतने कम पैसों में घर चलना मुश्किल हो रहा था उसने श्यामलाल से यह बात कही परंतु श्यामलाल ने वेतन बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया।
Lost the Opportunity :अवसर चला गया
इसी बीच एक अन्य प्रकाशक ने उसकी लिखी हुई किताब को पढ़ा और वह समझ गया की सुनैना एक बहुत अच्छी लेखिका है और उससे किताब लिखवाना अपने व्यापार को बढ़ावा देने जैसा है इसलिए उसने सुनैना को अधिक पैसे पर अपने पास रख लिया.
Moral of the Story : नैतिक शिक्षा
इधर एक अच्छे लेखिका सुनैना के चले जाने के कारण फिर से श्यामलाल गरीब हो गया। अब उसे पछतावा हो रहा था कि उसके लिए भगवान ने कितना अच्छा अवसर दिया था की व्यापार को घाटे से निकाल कर आगे बढ़ाएं परंतु उसकी मूर्खता ने अवसर को गवा दिया।