GADHA AUR MALIK :
एक व्यापारी के पास एक गधा था।वह गधे पर बैठकर बाजार से सामान लाया करता था। एक दिन, व्यापारी गधे की पीठ पर नमक की बड़ी-बड़ी बोरियाँ लादकर ले गया। इतने भारी बोझ से गधे का दम घुट रहा था।
![GADHA AUR MALIK](https://i0.wp.com/newsilove.com/wp-content/uploads/2023/10/1384863908.jpg?resize=451%2C308&ssl=1)
रास्ते में अचानक नदी के किनारे उसका पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गया। जब वह किसी तरह उठा तो उसे आश्चर्य हुआ, क्योंकि उसकी पीठ का भार अचानक हल्का हो गया था। दरअसल, पानी में नमक घुला हुआ था
गधे ने की चालाकी :
अगले दिन, व्यापारी फिर से गधे की पीठ पर नमक की भारी बोरियाँ लादकर ले गया। जब गधा नदी पर पहुंचा तो वह जानबूझकर फिसल गया और पानी में गिर गया। उसकी पीठ का भार फिर से कम हो गया।
![GADHA AUR MALIK](https://i0.wp.com/newsilove.com/wp-content/uploads/2023/10/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A4%B6%E0%A5%89%E0%A4%9F-2023-10-20-090549.jpg?resize=475%2C299&ssl=1)
गधे के मालिक ने देख लिया था कि आज गधा जानबूझकर फिसल गया है, इसलिए उसने गधे को सबक सिखाने की सोची।
मालिक ने सबक सिखाया :
अगले दिन, वह गधे की पीठ पर कपास की बोरियाँ लादकर ले गया।
जैसे ही गधा फिसलकर नदी में चला गया, कपास ने पानी सोख लिया और भारी हो गई। गधे को अब खुद पर दया आ रही थी। क्यूंकि अब गधा खुद अपने ही जाल में फस गया।