Panchtantra Stories: Monkey and Crocodile (बन्दर और मगरमच्छ):
बहुत समय पहले की बात है एक बंदर था, जो एक नदी के किनारे सेब के पेड़ पर रहता था। वह अकेला था लेकिन बहुत खुश था। एक दिन नदी से मगरमच्छ निकला और उस पेड़ के पास आ गया और बंदर से कहा भाई मैं बहुत भूखा हूं ,दयालु बंदर ने उसे सेब के कुछ फल दे दिए मगरमच्छ ने उसे धन्यवाद दिया। इस तरह बन्दर और मगरमच्छ में दोस्ती हो गई।
मगरमच्छ की पत्नी को मिला मीठा सेब:
मगरमच्छ भी नदी में बहते हुए कुछ अच्छे-अच्छे फल बंदर के पास लेकर जाने लगा। वह दोनों आपस में फल और अन्य खाने की चीज बांटते और आपस में बातें करते इस तरह मजे से दिन बीतने लगे। एक दिन मगरमच्छ ने बंदर को बताया कि उसकी पत्नी नदी के दूसरे किनारे पर रहती है तो बंदर ने बहुत सारे सेब तोड़े और मगरमच्छ को अपनी पत्नी के लिए दे दिए। मगरमच्छ की पत्नी सेब खाकर बहुत खुश हुई। मगरमच्छ की पत्नी ने मन ही मन सोचा की बंदर केवल सेब खाता है और यह सेब इतना मीठा है तो उसका मांस कितना मीठा होगा,उसका दिल कितना मीठा होगा।
मगरमच्छ की पत्नी ने बनाया कुटिल योजना :
मगरमच्छ की पत्नी ने बीमार होने का नाटक किया और मगरमच्छ को बताया कि वह तभी ठीक हो सकती है जब वह बंदर का दिल खायेगी। यदि उसका पति उसकी जान बचाना चाहता है तो उसे अपने दोस्त बंदर का दिल लाना होगा। मगरमच्छ इतना मूर्ख था कि अपनी पत्नी पर विश्वास कर लिया ,लेकिन अपनी मित्र की हत्या के विचार से बहुत दुखी हो गया वह अपने मित्र को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता था लेकिन वह यह भी नहीं चाहता था कि उसकी पत्नी मर जाए वह बड़ी उदास रहने लगा।
बन्दर गया मौत की मुँह में :
मगरमच्छ सेब के पेड़ के पास गया और बंदर को बोला कि उसकी पत्नी उसे घर पर मिलना चाहती है. बंदर इन सब बातों से अनजान था और उसने तुरंत सहमति व्यक्त किया। मगरमच्छ ने बंदर से कहा कि वह अपने पीठ पर बैठा कर के बंदर को दूसरे किनारे तक ले जाएगा। नदी के बीच में पहुंचने पर जब मगरमच्छ निश्चिंत हो गया कि अब बंदर वापस नहीं जा सकता है तो उसने रोना शुरू कर दिया उसने बंदर से कहा की दोस्त मुझे माफ करना , मेरी पत्नी तुम्हारा दिल खाना चाहती है क्योंकि वह बीमार है और तभी ठीक होगी जब उसको बंदर का दिल मिले। बंदर यह सुनकर हैरान हो गया और मगरमच्छ की मूर्खता पर भी उसे गुस्सा भी आ रहा था परंतु वह नदी के बीच मझधार में था इसलिए उसने तुरंत एक उपाय सोचा।
उसने ख़ुशी मन से कहा अरे मित्र इतनी छोटी से बात है। मुझे यह बात तुम्हे पहले बताना चाहिए था मैंने अपना दिल तो पेड़ पर ही रख दिया है। तुम ऐसा करो मुझे वापस ले चलो मै दिल लेकर आता हूँ। मगरमछ ने बात मानते हुए तुरंत बन्दर को फिर से पेड़ के पास ले आया. जैसे ही बन्दर पेड़ के पास पंहुचा वह छलांग लगा कर पेड़ की चोटी पर पहुंच गया। उसने मगरमच्छ से कहा तुम महामूर्ख हो जो दुष्ट पत्नी की बातो में मेरी कलेजी (दिल ) खाने चलो हो। कही किसी प्राणी का दिल बाहर होता है. ऐसा कहकर उसने मगरमच्छ से दोस्ती तोड़ ली।